फालोअप…
भृत्य ने जिला अधिकारी से लगाई गुहार तब जिला से गठित हुआ जांच दल
भृत्य पर लगे आरोपो की जांच शुरू तीन सदस्यीय जांच दल गठित ,भृत्य ने परियोजना अधिकारी पति और देवर पर लगाये आरोप
मालथौन। महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय मालथौन के भृत्य पर विभाग की पर्यवेक्षकों ने लिखित शिकायत कर गोपनीय दस्तावेजों को छुपाने के आरोप लगाए थे जिस पर परियोजना अधिकारी ने आनन-फानन में कार्यवाही करते हुए तहसीलदार सीएमओ और जनपद पंचायत का स्टॉप बुलाकर कार्यालय में रखें कंप्यूटर को निजी बताकर और भृत्य के मोबाइल को जप्त कर पुलिस थाने भेज दिया था। साथ ही विभाग की उन्हीं पर्यवेक्षकों को परियोजना अधिकारी ने जांच करने आदेशित किया था, जिन्होंने ही शिकायत दर्ज कराई थी। जिसको लेकर बुधवार को भृत्य अनिल पटेल ने जिला कार्यालय में पत्र लिखकर जांच की मांग की थी जिला स्तर से बनाने और निष्पक्ष जांच की मांग की थी।जिस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी भरत सिंह राजपूत ने एक जांच दल गठित किया है,जिसमें विजय कुमार जैन ,अरुण कुमार सिंह,छाया नागर सभी परियोजना अधिकारी को शामिल किया गया है। उक्त जांच दल ने गुरुवार को परियोजना कार्यालय पहुंचकर शिकायत कर्ताओं के बयान दर्ज किए हैं। विजय कुमार जैन ने बताया कि शिकायत पर अभी प्रारंभिक जांच चल रही है, तीन दिन में जांच पूरी हो जाएगी जांच के बाद प्रतिवेदन जिला कार्यालय में भेजेंगे जो भी जांच में निष्कर्ष होगा जल्दी ही सामने आ जाएगा।
परियोजना अधिकारी के पति सीईओ और देवर पर भृत्य ने लगाएं आरोप-
जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए पत्र में भृत्य अनिल पटेल ने उल्लेख किया है कि परियोजना अधिकारी संयोगिता राजपूत के पति जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं जो अपने पद का दुरुपयोग कर जप्त उपकरणों से डाटा का हस्तांतरण करा सकते हैं ,साथ ही परियोजना अधिकारी के देवर पर भी आरोप लगाया कि जब उपकरणों को कार्यालय में सील किया जा रहा था तब वह वही मौजूद था और कंप्यूटर के आस पास था तो हो सकता है उसने कुछ डाटा भेज दिया हो। जो कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में देखा जा सकता है।लिहाजा पूरे मामले में अनिल पटेल ने उसके खिलाफ षडयंत्र रचकर फसाने की बात कही है।
शिकायती पत्र दिखाने परहेज कर रही परियोजना अधिकारी-
मंगलवार को भृत्य के खिलाफ लिखित शिकायत हुई थी ये परियोजना अधिकारी संयोगिता राजपूत का कहना है लेकिन पत्र में कौन से गोपनीय दस्तावेजों का जिक्र है ये नहीं बता रही है इसके जवाब में महिलाओं की गोपनीयता भंग ना हो इसका हवाला देकर कन्नी काट रही है।ना ही शिकायत पत्र दिखा रही हैं। इस तरह से परियोजना अधिकारी सहित कार्यालय का स्टॉप खुद सवालों के घेरे में हैं।