महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय में छापामार कार्यवाही के बाद भृत्य को किया अटैच
मालथौन – देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ,मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन जी आप कहते है हमारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सरकारी योजनाएं ,शिक्षित युवाओ को नोकरियों के लिए
ऑनलाइन प्रक्रिया करवा दी किसी को एक पैसा नहीं लगेगा लेकिन सागर जिला प्रदेश से अलग नही है,इसी जिले के मालथौन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ गई है।जिस प्रकार मालथौन की महिला बाल विकास परियोजना में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में बसूली की शिकायतें आ रहीं हैं इससे लगता है कि ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन भर्ती प्रक्रिया से कोई फर्क नही पड़ता। मध्यप्रदेश अजब और गजब है यहां नियम बनने से पहले उसका तोड़ निकाल लेने का नियम है।अंग्रेजी में कहावत है देयर इज लॉ देयर इज फ्लॉ मतलब कानून बनने से पहले ही उसे कैसे तोड़ा मरोड़ा जाये इस पर ज्यादा परामर्श होता है।
प्रदेश के सागर में नियुक्तियों के पहले अधिकारियों ने भर्ती करवाने के एवज में मोटी रकम बसूलने की खबरें और शिकायतें मिल रही हैं और प्रदेश सरकार के मंत्री भी भर्ती प्रक्रिया में झांसे से अवैध बसूली के आरोप लगा चुके है।महिला एवं बाल विकास विभाग की मालथौन परियोजना अधिकारी भी अवैध बसूली होने की बात कबूल रहीं हैं।
मालथौन परियोजना में कल हुये छापामार घटनाक्रम से अब अभ्यर्थियों से किसने और कितने रुपये बसूल किये इस संबंध में फोन रिकार्डिंग निकलकर सामने आ रहीं है।इसमें पर्यवेक्षकों द्वारा बसूली की बात कबूली जा रहीं हैं।
लेकिन मालथौन परियोजना में भृत्य रहे अनिल पटेल के कम्प्यूटर एवं मोबाईल को जप्त करना किसी के गले नही उतर रहा।परियोजना में भृत्य के पास कम्प्यूटर होना या उसपर काम करना किसके आदेश से हो रहा था।महिलाओं के गोपनीय दस्तावेज का हवाला देकर छापामार कार्यवाही भी किसी गले नही उतरी।शासकीय कार्यलयों में गोपनीय दस्तावेज क्या होते हैं ?बो भी महिला बाल विकास में, इस विभाग में तो पारदर्शिता होनी चाहिये ! न कि गोपनीयता।और यदि गोपनीय दस्तावेज हैं भी तो क्या है उन्हें सार्वजनिक करना चाहिये,फिलहाल मालथौन क्षेत्र में ऐसी बातों का बाजार गर्म है।
प्रदेश भर में आगनबाड़ी कार्यकताओं और सहायिकाओं के 19500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया संपन्न हो गई। जिसकी मैरिट लिस्ट आना शेष हैं उसके पहले कुछ इस प्रकार की बातें निकलकर सामने आ रहीं हैं कि नियुक्ति करवाने के नाम पर बसूली कराई जा रही है, जिसमें पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओ से साठगांठ कर अधिकारी बसूली करवा रहे हैं यह बात हम नही बल्कि फोन की रिकॉर्डिंग कह रहीं हैं। नियुक्ति के पर नाम बसूली की शिकायतें क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और बरिष्ठ अधिकारियों तक पहुचने की खबर है जिस पर उन्होंने संज्ञान भी लिया है।
सागर के मालथौन में महिला बाल विकास कार्यालय के भृत्य का मोबाइल और कम्प्यूटर जब्त करवाकर नियुक्तियों के नाम पर चल रही बसूली की खबरों व शिकायतों को भटकाने का प्रयास अधिकारी पर्यवेक्षको द्वारा रचा गया प्रतीत हो रहा है। बसूली में पर्यवेक्षको के नाम सामने आ रहे है जिनके नाम से बसूली करवाई गई है।
हालकि मामले को डायवर्ट करने का प्रयास किया गया है। यह बात भी परियोजना अधिकारी द्वारा स्वीकार किया गया कि अन्य लोगो द्वारा भर्ती के नाम पर बसूली की गई है।
महिला बाल विकास विभाग में हो रही आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ,सहायिकाओं की नियुक्तियों में चल रही बसूली की शिकायतों से अधिकारी और शिकायत कर्ताओं का ध्यान भटकाने के लिए यह प्रोपेगंडा रचा जा रहा हैं।
आम लोगों में चर्चा यह भी है कि कम्प्यूटर और मोबाइल में गोपनीय दस्तावेज छुपाने की शिकायत को आधार बनाकर ,नियुक्तियों से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। वास्तविकता में सिर्फ अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया की जांच कराई जाए किस-किस से सम्पर्क कर कौन नियुक्तियां बांट रहा था इस खेल में पर्यवेक्षक और कुछ कार्यकर्ताओ की भूमिका लेनदेन में सामने आ सकती है। जिले के बरिष्ठ अधिकारियों को मालथौन ब्लॉक में होने वाली नियुक्तियों का मामला गंभीरता से संज्ञान में लेकर जांच करे, जिसमें हुई अभ्यर्थियों से बसूली की बात खुलकर सामने आ सकती है।