नेशनल हाइवे के हालात बदतर—-
सड़क में गढ्ढे या गढ्डों में सड़क
गढ्डों से निकलने के बाबजूद चुकाना पड़ रहा टैक्स
रजवांस।
पराग जैन
नेशनल हाईवे- 44 पर भारी भरकम टोल देने के बावजूद भी वाहन चालक सुहाने सफर का लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं। नेशनल हाईवे पर कई स्थानों पर टूटी सड़क, और बड़े-बड़े मौत के गड्ढे राहगीरों के सफर में रोड़ा बन रहे हैं।
जिसके चलते वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलाइन सड़क कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक का एक हिस्सा मालथौन, एवं चितौरा, राजमार्ग, तीतर पानी पर बने टोल पर भारी भरकम रूपये की लगातार वसूली की जा रही है। लेकिन एनएचएआई सड़क अथॉरिटी टोल कंपनी के अधिकारिओ द्बारा हाइवे सड़क पर बने गड्ढों को नहीं भरा जा पा रहा है।
करीब वर्षो पूर्व हाईवे पर फोरलेन बनाए जाने के बाद जगह जगह टोल प्लाजा बनाये गए थे। टोल प्लाजा बनने के साथ ही वाहन चालकों को सभी प्रकार की सुविधा देने का वादा किया जाता हैं। जिसके लिए वाहन चालकों को सुबिधाये मिल सके टोल टैक्स भी इसी लिये वाहन चालकों से लिये जाता है। लेकिन, चालकों को सुविधा दिए जाने के वादे पर एनएचएआई खरी नहीं उतर पाती हैं। वाहन चालकों को टोल पर लगने वाले आए दिन के जाम, हाईवे की टूटी सड़क, और गड्ढों के कारण होने वाली असुविधा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सड़क पर बने चिन्हो से अपने आप में संकेत तो यह देती हैं की यात्री आप सुरक्षित है परन्तु चलने पर कुछ और ही समझ में आता हैं, सड़क पर जगह जगह बने मौत के गड्ढों के कारण कई बार तो वाहन चालकों को हादसे का शिकार होना पड़ता हैं। क्षेत्र के सागर जिले के मालथोन से होकर गुजर रहे नेशनल हाईवे 44 की ओर जाने वाली सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है,सड़क में गहरे गड्ढे बन गए हैं। बरसात के दिनों में गड्ढों में पानी भरने के कारण हालत बद से बदतर हो जाते हैं। पानी भरने के कारण अक्सर वाहन चालक हादसे का शिकार हो जाते हैं। आये दिन हादसे में चालक और वहां से गुजर रहे लोग चपेट में आने से सड़क दुर्घटनाओ में इजाफा हो रहा है । हाईवे पर गड्ढे के दौरान हाईवे प्रशासन सिर्फ पैच वर्क कार्य लीपा पोती की तरह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। जबकि, यह लीपापोती की कई सड़क चंद दिनों में फिर से उखड़ कर बड़े गड्ढे में तब्दील हो जाती है।
*गढ्डों में सड़क फिर बसूली क्यों*
सागर जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के हाल खस्ताहाल है, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बना यह हाईवे बदहाली के आंसू बहा रहा है जगह-जगह से सड़क छलनी हो गई कुछ समझ नहीं आता कि सड़क पर गड्ढा है या गड्ढे में सड़क हाईवे पर बने बड़े-बड़े गड्ढे हर वक्त यमराज को न्योता दे रहे सागर जिले के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश की सीमा मालथौन से बने हाईवे पर चार जगह पर टोल वसूली की जा रही है। लेकिन टोल चुकाने के बावजूद परेशानियां कम होती नजर नहीं आ रही है, आपको हाइवे सफर करना है, तो जरा संभलकर क्योंकि हाईवे के गड्ढों में यमराज बैठे हैं ऐसे लगता है कि वाहन चालक देखते ही देखते यमराज के पास चले जाते हैं मालथौन से लेकर राजमार्ग तक पूरा हाईवे छलनी छलनी हो गया है। 160 किलोमीटर के सफर को तय करने में वाहन चालकों के पसीने छूट जाते हैं, चालकों को अपने वाहनों को गड्ढों से बचाते हुए सर्पाकार दौड़ाना पड रहा है, हाइवे सड़क पर चलती तेज रफ़्तार में छोटे बड़े वाहन के सामने अचानक गड्डे आ जाते हैं उनको बचाने के चक्कर में वाहन चालक अपना संतुलन खो देते हैं, जिससे बड़ी घटनाएं घट जाती हैं कई परिवार काल के गाल में समा जाते हैं। वाहन खटारा हो जाते है। हाईवे टोल की वसूली कर रोजाना लाखो रूपये का रिडकोर को जमा करवाए जा रहे हैं बावजूद रिडकोर सड़क पर बने गहरे गड्ढों को भरने की सोचता तक नहीं, हालांकि यहां से रोजाना प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओ का रोजाना आना जाना होता हैं।
सवाल यह भी कि आखिर टोल की वसूली बावजूद सड़कों की हालत खस्ताहाल आखिर इसका जिम्मेदार कौन है।
हर रोज हो रहे एक्सीडेंट का जिम्मेदार कौन क्योंकि सड़क पर बने गड्ढों को भरने का काम तक नहीं किया जाता है, जिससे वाहन चालकों के साथ राहगीरों को बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।