*मालथौन क्षेत्र में कई स्कूल भवनो की हालत जर्जर ,एक कक्ष में लग रही पांच कक्षाएं*
*जर्ज़र भवन:-* प्राथमिक शाला रजवांस, पदमरी, शंकरपुरा, रड़ोंन रैयतवारी, इतबा, मोहली बुजुर्ग दर्जनो स्कूलों का मामला
*नगर परिषद बरोदिया कलां के रजवांस के प्राथमिक शाला परिसर में बने जर्जर भवन, हो सकता हैं बड़ा हादसा*
*पराग जैन*
*रजवांस।* विकासखंड मालथौन में कई शिक्षा मंदिरों की हालत जर्जर है कही छत से गिट्टी गिर रही कही पानी टपक रहा तो कही बड़ी दरारें आ गई हैं । इस हालत के एक साथ एक कक्ष में एक से पांचवी तक की क्लासे लगाई जा रही है ।
एक ओर जहां स्कूली शिक्षा विभाग बुनियादी सुविधाओं को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहा है शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोलने की दावा कर रही है। लेकिन
वास्तविकता में ग्रामीण क्षेत्रो में शिक्षा और स्कूल भवनों की हालत बदतर स्थिति में हैं। सागर जिले के मालथौन ब्लॉक में अनेक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के भवनों की हालत जर्जर स्थिति में है कहीं छत टपक रही तो कही दरारें तो कही छत का मटेरियल गिर रहा हैं। भवनों की समय से मरम्पत न होना बच्चों की जान को जोखिम में डाल रहे है।
वहीं प्राथमिक विद्यालय जहां आज भी बच्चे जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। स्थिति ऐसी विकट है कि भवन की छत टूटकर नीचे फर्श पर गिर रही है। यह मामला मालथौन ब्लॉक के अधिकांश स्कूलों का हैं। जिले में जर्जर भवनों के गिरने के मामले सामने आए हैं।उसके बाद विभाग गंभीरता से नहीं ले रहा है।
उसके बावजूद जगह-जगह प्राथमिक विद्यालय परिसर में पुराने भवन जर्जर पड़े हुए हैं। स्कूल भवनों को ढहाए (डिमोलिश) जाने की व्यवस्था विभाग नहीं कर रहा है। जिससे पठन-पाठन प्रक्रिया के दौरान कभी भी बड़ा हादसा सामने आ सकता है। मालथोन ब्लाक के नगर परिषद बरोदिया कलां, प्राथमिक शाला रजवांस में पहली से पांचवी तक 91 नामांकन दर्ज हैं। बच्चे के परिसर को दशको पूर्व बनाया गया पुराना विद्यालय एवं परिसर में बने भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। भवन का छत तक गिर गया है। दीवारें खड़ी हैं। इसी भवन के पास हैंडपंप लगा है। अक्सर पानी पीने के लिए, खेलने के लिए खेल ग्राउंड, बाजू में शिव मंदिर, चाय की गुमटियां हैं। अक्सर इसी भवन के पास कई बच्चे, लोग इकट्ठा होते हैं। यह भवन कभी भी गिर सकता है। उसके बावजूद शिक्षा विभाग एवं नगर परिषद बरोदिया कलां के आल्हा अधिकारी इस भवन को ढहाने के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं कर रहा है। जिससे स्थानीय लोगों को हादसे की आशंका सता रही है।
प्राथमिक विद्यालय परिसर में बने भवनो पर जीर्ण-शीर्ण हैं इसका उपयोग न करें लिखा हैं। पर छत का प्लास्टर हवाओं के झोंकों के संग गिर रहा है तो फर्श उजड़ चुकी है। भवन की स्थिति को देखकर हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
कमरे की दीवारों में दरार, छत से सरिया दिख रही है। प्लास्टर छूटकर गिर रहा है। बारिश के दिनों में विद्यालय के ढहने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अभिभावक भी विद्यालय की स्थिति को देखकर बच्चों को पढ़ने भेजने में कदम खींच रहे हैं। बताया कि समय रहते भवन को ध्वस्त नहीं कराया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
*मुहली बुजुर्ग शाला का हाल -बेहाल-*
रजवांस संकुल केंद्र की प्राथमिक शाला मुहली बुजुर्ग का है, जहां एक से पांचवी तक के 73 बच्चों के लिए दो छोटे छोटे पुराने जमाने के खपरैल से बने कमरे एवं एक दहलान है। प्राथमिक शाला रड़ोंन रैयतवारी, आंगनवाड़ी भवन के एक कमरे में पांच कक्षाएं लगाई जा रही हैं।
*प्राथमिक शाला रड़ोंन रैयतवारी, आंगनबाड़ी भवन के एक कमरे में पांच कक्षाएं हो रही है संचालित*
मध्य प्रदेश सरकार विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है लेकिन एक कमरे में कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक स्कूल का संचालन किया जा रहा है। ऐसे कैसे बच्चे पढ़ेंगे उनका भविष्य संवरेगा।
जहां भवन ठीक ठाक है आगे मैदान, रास्ता कीचड़ भरा है जिस कारण ग्राउंड पर विद्यार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। लेकिन जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। गौरतलब है कि यह स्कूल का प्राथमिक शाला रड़ोंन रैयतवारी के नाम से संचालित किया जा रहा था। जिसमें 31 नामांकन दर्ज है। लेकिन वहां का भवन जर्जर होने से टूट गया था। जिसके बाद इस स्कूल को आंगनबाड़ी केंद्र में शिफ्ट किया गया था। तब से लेकर आज तक यह स्कूल वहीं पर लग रही है लेकिन एक ही कमरा है वहां पर पहली से लेकर पांचवी तक पढ़ने वाले विद्यार्थी बैठते हैं। यहां के लोगो को समुचित व्यवस्था न होने के कारण प्राइवेट स्कूल में जाने को मजबूर है।
*इनका कहना है -*
इस संबंध में विजय सिंह लोधी बी आर सी मालथौन का कहना हैं की प्राथमिक शाला माध्यमिक शाला दोनों को मिलाकर जर्जर भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में कुल 45 स्कूल हैं। कलेक्टर महोदय के आदेश से विद्यालय परिसर में जो भी जर्जर भवन है उनके गिराने की प्रक्रिया नगर परिषद एवं ग्राम पंचायत के द्वारा कराई जा रही हैं।