*स्टॉप डैम में सरपंच, ठेकेदार की मनमानी, शासन की राशि का किया जा रहा हैं, बंदरबांट*
*ग्राम पंचायत हड़ली के मड़ावनमार गांव के लोगों के साथ जनपद सदस्य प्रतिनिधि ने लगाए आरोप*
*पराग जैन*
*रजवांस।* भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा जिसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार को ग्राम में ही पूरे वर्ष में कम से कम 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराना है तथा पलायन को पूर्णता रोकना है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कार्य कराए जाते हैं तथा प्रति वर्ष योजना में करोड़ों रुपए का सरकार द्वारा ब्यय किया जाता है, एवं ग्रामीण परिवेश में इस योजना के सफल क्रियान्वयन का पूर्णता दायित्व जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत की निगरानी मैं होता है ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी इस योजना के सफल संचालन एवं भुगतान के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होते है, देखा गया है कि ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय स्तर पर भी मशीन का उपयोग इन निर्माण कार्यों को पूर्ण करा दिया जाता है, जिसकी बानगी सभी पंचायतों में स्पष्ट दिखाई देती है। इस मनरेगा योजना के तहत स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्य संचालित किए जाते हैं इसी क्रम में लगातार घटते जलस्तर को देखते हुए सरकार ने बहते हुए जल को संरक्षण व संवर्धन करने की योजना बनाई है। जिससे जल का स्तर बना रहे रोजगार गारंटी योजना के तहत जनपद पंचायत मालथौन के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हड़ली के मड़ावन मार में जल स्तर को बढ़ाने के लिए मनरेगा के तहत पंचायतों के माध्यम से नदी, नालों एवं बरसात के पानी क़ो इकट्ठा कर जल को रोकने के लिए स्टॉप डैम बनाने हेतु लाखों रुपए की राशि आवंटित की गई थी परंतु ग्राम पंचायतो हड़ली में , ठेकेदार, सरपंच की मिलीभगत से केवल कार्य को कोरम पूर्ति के हिसाब से पूर्ण कर लाखों रुपए की राशि का आहरण कर बंदरबांट करने में लगे हैं । योजना का एकमात्र उद्देश्य था कि बरसात में जो पानी बह जाता है उसको रोक कर स्थानीय स्तर पर उसको संरक्षित कर स्थानीय लोगों को प्रयोग हेतु उपलब्ध कराना था जिससे ग्रामीण इस पानी का उपयोग पीने सहित कृषि अन्य कार्यों में कर सकें साथ ही इस राशि से होने वाले निर्माण कार्य में मनरेगा के तहत स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध हो सकें, परंतु यह योजना विभिन्न योजनाओ की तरह ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है तथा जनपद पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी, भी संसय के दायरे में नजर आ रहे हैं धरातल पर कोई भी कार्य स्टीमेट के हिसाब से दिखाई नहीं देता है। अत: जो भी निर्माण कार्य कराया गया है वह बहुत ही घटिया किस्म का कराया जा रहा हैं।
*समस्या*
वही ग्राम पंचायत हड़ली के मड़ावन मार में स्टॉप डैम निर्माण 12.25 लाख की राशि से किया जा रहा हैं, जिसमें अकुशल श्रम पर व्यय 5.20 लाख एवं सामग्री पर व्यय 7.05 लाख की राशि से ग्राम पंचायत के द्वारा कराया जाना था। पंचायत सचिव को भी इस विषय मे जानकारी के बिना पंचायत सरपंच ने परसेंटेज के आधार पर ठेकेदार क़ो सौंप दिया हैं, जिसमें गुणवत्ताहीन मिट्टी मिक्स काली डस्ट, बेस निर्माण के बीचो बीच में पहाड़ियों से निकाले वाले वोल्टर (पत्थर), कंक्रीट की जगह जंगली बोल्डर से निर्माण एवं घटिया सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा हैं, वही नीव की खुदाई जो उपयुक्त गहराई खोदी जा रही हैं। वही घटिया निर्माण से ग्रामीणों में भारी असंतोष है, सरपंच, ठेकेदार की मिलीभगत से कम लागत से मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपए की राशि का आहरण कर बंदरबांट करने में अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए हैं। जिसका विधिवत तरीके से निरिक्षण किया जाये तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जायेगा। जिसमें शासन की कितनी बड़ी राशि का दुरुपयोग होता नजर आ रहा हैं बो जांच का विषय है, जिसकी जांच होनी चाहिए एक तरफ शासन-प्रशासन जीरो टॉरलेस की नीति अपनाती है वहीं दूसरी तरफ करोड़ों रुपए की राशि का इस प्रकार बंदरबांट हो जाता है, और वरिष्ठ अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती साथ ही लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध ना होने के कारण उनका पलायन लगातार जारी रहता है। ग्रामीण इस दिशा में सही कहते हैं कि उन्हें गांव में रोजगार मिलता ही नहीं मनरेगा जैसी योजना इस तरह भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण फलती-फूलती रहती है जिनकी राशि का वह आपस में ही बंदरबांट कर लेते हैं।
*ग्रामीणों का कहना हैं की*
ग्राम पंचायत हड़ली के मड़ावन मार स्टाप डेम निर्माण कराया जा रहा हैं, जिसमें भ्रष्टाचार की सारी हदें पार दिखाई दे रही है। जिसमें रेट की जगह मिट्टी मिक्स काली डस्ट और
कांक्रीटीकरण के जगह जंगली बोल्डर से किया जा रहा उपयोग औऱ खराब सीमेंट से निर्माण करवाकर गुणवत्ता पूर्वक कार्य कराकर दरकिनार किया जा रहा हैं। स्टॉप डैम की प्रस्तावित राशि 12.25 लाख रुपया से बन रहे स्टाप डेम भ्रस्टाचार मटेरियल सप्लायर से लेकर सरपंच, ठेकेदार की मिलीभगत उजागर हो रही है। यहाँ गुणवत्ता का दरकिनार कर भ्रस्टाचार का महा खेल चल रहा है। जिसमे बेस निर्माण बीचो-बीच में डाला गया पहाड़ी पत्थर, कांक्रीटीकरण की जगह जंगली बोल्डर से हो रहा है स्टाप डेम का निर्माण। नीव की खुदाई जो उपयुक्त गहराई तक नहीं खोदी गई इस घटिया निर्माण से ग्रामीणों में भारी असंतोष हैं। जिसमें इसकी शिकायत जनपद पंचायत सदस्य प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह संचार एवं निर्माण समिति के अध्यक्ष ने अपने साथिओं के साथ मिल कर इसकी शिकायत जनपद पंचायत मालथौन मुख्य कार्य पालन अधिकारी संजय सिंह व सहायक यंत्री सुनील उइके से मालथौन से की हैं उन्होंने कहा हैं की जिसमें उन्होंने कहा हैं की निर्माण कार्य की उचित जाँच कर, निर्माण राशि को तुरंत रोका जाये। जिसमें यदि उचित कार्येवाही नहीं की गई तो माननीय मंत्री जी और कलेक्टर सर के समक्ष हो कर समस्त ग्रामवासी के साथ उपस्थित होकर शिकायत दर्ज कराएँगे। जहाँ क्षेत्रीय विधायक, माननीय मंत्री भूपेंद्र सिंह का भी सपना है की खुरई विधानसभा को प्रदेश की नंबर 1 विधानसभा बनाने में रात दिन एक कर रहे हैं,एवं हर घर मे टोडी से पानी हर खेत मे पानी कैसे पहुचे हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं और दूसरी तरफ ऐसी अनिमितताओं को देखना दुर्भाग्यपूर्ण है
*पिछली पंचवर्षीय में हुई सम्मानित*
आपको बता दे की पिछली पंचवर्षीय में ग्राम पंचायत हड़ली क़ो नंबर पंचायत बनने पर जिले के मंत्री, कलेक्टर, कमिश्नर, जिला सीईओ द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था जिसकी सराहना देश के प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री ने भी की थी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण सम्मान-2022 से सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह सम्मान राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के उपलक्ष्य में दिया गया था।वही पंचायत अब नये प्रतिनिधिओ के साथ भ्रष्टाचार्य की भेंट चढ़ती नजर आ रही हैं।
*इनका कहना हैं की* जांच कराई जायेगी, जांच रिपोर्ट आने पर जो भी गुणवत्ता हीन कार्य सामने आयेगा उसके आधार पर कार्यवाही की जायेगी। ” *संजय सिंह मुख्य कार्यपालन अधिकारी” जनपद पंचायत मालथौन*