सड़क एवं पुलिया ना होने के कारण चार महीनों तक स्कूल नहीं जा पाते हैं,बच्चे
बंडा विधानसभा के ग्राम पंचायत कलराहौ के ग्राम गणेशपुरा का मामला
दो विधानसभाओ के बीच मे फसा गांव
पराग जैन
रजवांस। सागर जिले का एक ऐसा गांव जिस गांव में आने जाने के लिए नदी, नाले पर आजादी के 75 वर्ष बाद भी पुलिया नहीं बन पायी हैं। जिसके चलते लोगों क़ो वर्षाकाल के चार माह लोगों क़ो जान जोखिम में डालकर आना जाना पड़ता हैं। जो गांव नदी नालो से घिरा हुआ हैं।
वही बंडा विधानसभा क्षेत्र का एक गांव ऐसा भी है जहां के रहवासी सिर्फ चुनाव के समय ही नेताओं द्वारा याद किए जाते हैं एवं चुनाव के बाद ना तो गांव की ओर ना ही गांव वासियों की कोई पूछपरख की जाती हैं, यह गांव बंडा तहसील की ग्राम पंचायत कलराहौ के नयाखेड़ा (गनेशपुरा) का हैं, जहां एक सप्ताह पूर्व हुई वारिश से करीब दो सौ लोगों की आबादी के लोगों क़ो परेशानियों का सामना करना पड़ा। वही नाले पर पुलिया के आभाव में स्कूल, कालेज पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती हैं। वही ऐसा लगता हैं, जैसे देश तो आजाद हो गया लेकिन यह गांव आज भी अंग्रेजों की हुकूमत में पल रहा है।
इस गांव में सरकार की बड़ी योजनाओं का लाभ तो दूर लोगों को जीवन यापन करने के लिए मूलभूत सुविधाओं का लाभ तक नहीं दिया जा रहा है, इस गांव में न ही शुद्ध पेयजल न आवागमन हेतु सड़क व्यवस्था है।
ग्रामवासियो का कहना हैं की यह गांव बंडा विधानसभा क्षेत्र का एक क़स्बा हैं, जो खुरई विधानसभा के समीप स्थित हैं, वहीं इस गांव के बच्चों को पढ़ाने के लिए मालथौन तहसील के ग्राम पंचायत हड़ली जिसकी दूरी 2 किलोमीटर एवं ग्राम पंचायत सागोनी दूरी 4 किलोमीटर हैं, जिसमें गांव का भविष्य कहे जाने वाले छात्र-छात्राएं पहली से 12वीं तक वहां रास्ते में एक नाला पड़ता है जिसको पार करके स्कूल क़ो जाना पड़ता है, जो बारिश के समय 4 माह तक उफान पर रहता है, बच्चे स्कूल जाने से एवं पढ़ाई से वंचित रहते हैं, स्कूल कॉलेज जाने ग्रामीणों को बाजार, अस्पताल बैंक आदि जरूरी कामों के लिए नाले की बाढ़ क़ो पार कर जान जोखिम में डालकर मालथौन, रजवांस, बरोदिया, बांदरी जाना पड़ता है। इस गांव में यदि कोई व्यक्ति या महिला बीमार हो जाते हैं या किसी भी विपत्ति में पड़ जाते हैं तब भी उनके पास किसी प्रकार का आवागमन के लिए कोई व्यवस्था नहीं रहती है, जब कभी कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तब यहां के ग्रामीण एकत्रित होकर उसको चारपाई पर लेटा कर दो किलोमीटर पैदल चलते हुए कीचड़ से होते हुए नाला पार करके एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं।
नाले पर पुलिया, पक्की सड़क बनाने के लिए बीते दिनों से नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह से एक स्थानीय कार्यक्रम के दौरान ग्रामवासियो ने मांग की थी एवं श्री सिंह के द्वारा आश्वासन दिया गया था, आला अधिकारियों द्वारा नापतोल किया गया था, परन्तु उच्च अधिकारी द्वारा उनके आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वही ग्रामवासिओ ने सरकार से गुहार लगाई हैं की इस पिछड़े गांव पर भी ध्यान दिया जाए।