जुआ ,सट्टा और सुट्टा में उलझती जा रही मालथौन की युवा पीढ़ी
√ अनलॉक होते ही बढ़ रहे अपराध
√ जुआ,सट्टा और गांजे का बड़ा व्यापार
√ अवैध शराब और सट्टा की मंडी बना मालथौन
मालथौन। देश, भक्ति और जनसेवा के नारे को मालथौन पुलिस दागदार कर रही है। सागर जिला का मालथौन अवैध कार्यों की मंडी बनकर रह गया है।आए दिन अवैध शराब,जुआ और सट्टा के वीडियो शोशल मीडिया में वायरल हो रहे है, जिसमें अपराधी खुलेआम अवैध कार्यों को अंजाम देते हुए नजर आ रहे है।
पुलिस की इस लचर कार्यप्रणाली से अपराधियों में पुलिस का लेश मात्र भय नही है। यही कारण है कि मालथौन क्षेत्र की युवा पीढ़ी जुआ,सट्टा और गांजे की गिरफ्त में रहकर बरबाद हो रही है।
मालथौन थाना क्षेत्र में हो रहे अपराधों की गतिविधियों के बारे में पुलिस को बखूबी जानकारी है, परंतु अनभिज्ञ और जानबूझकर पुलिस अनजान बनने का ढोंग कर रही है।
प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास और विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मालथौन मुख्यालय पर आम जनता की हर सुविधाओं का ध्यान रखते हुए बस स्टैंड,कृषि उपज मंडी, खेल ग्राउंड,अस्पताल, सिविल कोर्ट,एसडीएम कार्यालय, पार्क,आदि
अनगिनत विकास कार्य करवाये और अभी भी विकास कार्यों का क्रम अनवरत जारी है। गांव को शहर में तब्दील किया तो यहां की आबोहवा भी शहरी हो गई। लोगों के रोजगार बड़े तो अपराधी भी सक्रिय हो चले है।
लेकिन खुलेआम हो रहे अपराधों पर पुलिस अंकुश लगाने में असफल नजर आ रही है।
सूत्र बतलाते है कि मालथौन थाना क्षेत्र के बेसरा ,अण्डेला गांव के जंगलों में खुलेआम जुआरी लाखों का दांव लगाने पहुँच रहे है, पुलिस को जानकारी होते हुए भी इन आदतन जुआरियों पर कोई ठोस कार्यवाही ना होने से पुलिस कठघरे में खड़ी दिखाई दे रही है। साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। हाल ही मे
जुआ से संबंधित एक वीडियो शोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ है जिसमे क्षेत्र के आदतन जुआरी, जुआ खेलते हुए दिखाई दे रहे है। लेकिन पुलिस ने जुआ खेलने बाले दो चार जुआरियों पर प्रकरण पंजीबद्ध कर पलड़ा झाड़ लिया। लाखों का जुआ हजारों में बदलने की भी खूब चर्चा आमजनों में बनी रही। लेकिन जुआ फड़ संचालित करने बालों पर पुलिस मेहरवान है।
मालथौन थाना क्षेत्र में सट्टा भी खुलेआम चल रहा है जिसके वीडियो आए, दिन वायरल होते रहते है। लेकिन इन नामी गिरामी सटोरियों पर भी पुलिस कार्यवाही करने से बचती रहती है।
पान की गुमटियों से लेकर चाय की दुकानों ,ढाबों पर गांजा भी जमकर बेचा जा रहा है गांजे के सुट्टा में युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। लेकिन इस ओर भी पुलिस आंख बंद कर अंजान बनी हुई है।
उत्तर प्रदेश की सस्ती शराब भी प्रायः हर ढाबों पर परोसी जा रही है। उत्तरप्रदेश में महज एक सो पचास में मिलने वाला अंग्रेजी शराब का क्वार्टर एमपी के ढाबों पर दोगने से भी ज्यादा रेटों पर उपलब्ध हो रहा है। लेकिन फिर भी एमपी की शराब से सस्ती ही मिल जाती है, इसलिए ग्राहक भी ढाबों से शराब खरीदना पसंद कर रहा है। यही कारण है कि खुलेआम शराब के धंधे गली कूचों में कुकर मुक्तो की तरह फल,फूल रहे है। इसके बाबजूद इन शराब माफियाओं पर पुलिस शिकंजा कसना नहीं चाहती है।
पुलिस अधीक्षक द्वारा चलाये जा रहे जुआ पकड़ो अभियान में पुलिस दो चार खिलाड़ियों को दहा पकड़ का केश बनाकर टारगेट पूरा कर देती है, लेकिन मोटी मछलियों पर पुलिस का रवैया नरम बना हुआ है।इसी वजह से बड़े बड़े जुआ फड़ बेरोकटोक संचालित हो रहे हैं।