ग्रामीण पुलिस और आबकारी विभाग की मिली भगत से गांव, गांव बिक रही है अवैध शराब,
■ खुरई से खुले आम वाहनों से हो रहा है अवैध परिवहन,
■ग्रामीण श्रैत्र के युवा हो रहे हैं नशे के आदी,
खुरई_ मुकेश कौशिक
नगर और ग्रामीण क्षैत्र में अवैध शराब माफिया के हौसले है बुलंदी पर, मंत्री के क्षैत्र के गांवों में बैखोफ होकर अवैध देशी शराब सहजता से मदिरा प्रेमियों को उपलब्ध करायी जा रही है।वही ग्रामीण पुलिस थाना प्रभारी कुम्भकरणी नींद सोकर अंजान बना हुआ है। इसके लिए पूर्णतः ग्रामीण पुलिस थाना प्रभारी सहित आबकारी विभाग के अधिकारी जिम्मेदार है जो मूक,वधिर रहकर नंबर दो के कारोबार को बढ़ावा दे रहै है। क्षैत्र में कोई ऐसा गांव नहीं है जहां अनाधिकृत तरीके से देशी शराब की उपलब्धता न हो, सुबह की भौर के साथ ही खुरई से वाहनों के माध्यम से ग्रामीण क्षैत्रो में देशी शराब पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ग्रामीण वासियों का कहना है कि यह पहली बार देखने में आ रहा है कि गांव, गांव में शराब सप्लाई करने वालों पर कानूनी कार्रवाई नही हो रही है। पुलिस और प्रशासन खामोश बने रहने की भूमिका निभा रहा है। आखिर किसके दबाव के चलते सभी अधिकारी खामोशी अख्तियार किए हुए हैं? यह जनता में चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है। इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव ग्रामीण परिवेश में रहने वाले युवाओं पर हो रहा है जो सहजता से प्राप्त होने वाली मदिरा की गिरफ्त में जकड़ते जा रहे हैं उनके अभिभावकों,को हर पल यही चिंता बनी रहती है कि उनके वंश को आगे बढ़ाने वाला कब नशे की आगोश से मुक्त होगा। लेकिन जब तक गांव, गांव अवैध शराब उपलब्ध होती रहेगी तब, तक किसी के पिता,पति पुत्र,चाचा या आज के युवाओ को नशे से छुटकारा मिलना असम्भव सा है। जिन गांवों में खुलेआम शराब पहुंचाती जा रही है उनमें रेगुवा, सिलौधा, गढौला जागीर, बनहट,कनऊ ,भीलौन, मुड़िया,बेरी, धनौरा, कुमरोल, खोलनी, सहित अनेक गांव शामिल हैं।
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गृह मंत्री रहते भूपेंद्र सिंह ने गांव-गांव में कराई थी शराब बंद,
शायद श्रैत्र की जनता को याद नहीं होगा जब भूपेंद्र सिंह ग्रह मंत्री थे तब उन्होंने तत्कालीन एसडीओपी रवि भदौरिया को स्पष्ट निर्देश देते हुए उन्होंने था कि, किसी भी गांव में अवैध शराब का विक्रय न हो। भदौरिया ने वह करके भी दिखाया था, शराब ठेकेदार एक भी गांव में शराब नहीं पहुंचा पा रहे थे। यहां तक कि गढौला नाका स्थित अनाधिकृत अहाता को जेसीबी मशीन से तुड़वा दिया था। जब उस समय अवैध शराब और अवैध अहाता पर अंकुश लगाने का फरमान जारी किया गया था तो अब वैसा क्यों नहीं हो सकता है? जिन अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीण क्षैत्र को अवैध शराब का हब बनाया जा रहा है क्या मंत्री जी उन पर सख्त रुख अपनाएगे