धामोनी के जंगलो में गढ़े धन की तलाश में खोदा जा रहा जंगल
अंगद के पांव की तरह धामोनी वीट में जमे वन रक्षक की भूमिका संदेह में?
मालथौन।वन परिक्षेत्र मालथौन की वीट धामोनी में झिरा मंदिर के आसपास एवं किला के समीप खुदाई की जा रही है ।
हाल ही में जमीन के अंदर धन जांचने बाली मशीन लेकर सागर की एक टीम झिरा मंदिर के आसपास घूम रही थी जिसे पुलिस ने पकड़ा भी था लेकिन फिर छोड़ दिया।
गौरतलब है कि गौड़ शासकों द्वारा बनवाया गया धामोनी के किले एवं आसपास की जमीन में अपार धन सम्पदा होने के कयास लगाये जाते है।और धामोनी के जंगल में जहां तहां खुदाई के अवशेष भी मिलते है।
गढ़े धन को खोदने की लालसा में धामोनी के बीट गार्ड की भूमिका संदेहास्पद बताई जा रही है।जहां एक वनरक्षक पिछले आठ वर्षो से पदस्थ है। उसके निवास पर एक जेसीबी मशीन भी खड़ी रहती है सूत्र यहां तक बतलाते है कि पिछले आठ वर्षों में उक्त वन रक्षक के तबादले भी हुए किंतु उक्त वन रक्षक टस का मस नही हुआ यहां तक जहां कर्मचारी वन रक्षक रहा वहीं अब प्रमोशन के बाद डिफ्टी रेंजर हो गया लेकिन उसने अपनी बीट नही बदली।
रेंज मालथौन में कई अधिकारी, वनरक्षक, दरोगा आये और चले गए लेकिन यह वनरक्षक जहां था वही है।
धन खोदने गई टीम को पुलिस ने पकड़ा ?-
पिछले दिनों धन खुदाई की चर्चा भी जोरो पर है ,पुरातत्व विभाग के एक कर्मचारी से मिली जानकारी के अनुसार वनरक्षक सहित कुछ वन विभाग के चोकीदार एवं बाहर से आए व्यक्ति के द्वारा धामोनी के जंगल में खुदाई की जा रही थी , जिसकी जानकारी पुरातत्व विभाग के चोकीदार को लग गई।पुरातत्व विभाग के चौकीदार ने धन खुदाई टीम को रोकने का प्रयास किया मोबाईल फोन से फोटो लेने की कोशिश भी की लेकिन टीम में शामिल एक सरदार और वन रक्षक (दाऊ) ने चौकीदार का मोबाईल फोन छीन लिया और फोटो डिलीट कर दिए।बात आगे बढ़ने की आशंका को देखते हुए टीम स्वयं की स्विफ्ट डिजायर कार से भाग निकले,पुरातत्व विभाग के चौकीदार ने थाना बहरोल में फोन से सूचना दे दी सूत्र बतलाते है कि बहरोल पुलिस ने धन खोदने बाली टीम को हिरासत में ले लिया लेकिन यहां भी धामोनी के बीट गार्ड ने मामला सुल्टा दिया।
सूत्र बतलाते है कि पुलिस ने कुछ घंटे बैठाकर मामला ले देकर रफा दफा कर दिया। बताया जाता है कि माके पर पुलिस सहित अन्य लोगो द्वारा वीडियो भी बनाया गया था लेकिन मामला रफा दफा कर बीडियो डिलीट भी करवा दिया गया।
वनरक्षक अपनी चोकी पर जे.सी.बी.मशीन सहित धन खुदाई में सहयोगी अन्य साधनों की 24 घंटे व्यवस्था रखता है। वनरक्षक आठ साल से यहां जमा हुआ है और समय समय पर बाहर के लोगो को यहां वुलवाकर धन खुदवाता है साधनों की कोई समस्या न हो इसके लिए 24 घंटे जेसीबी अपने क्वाटर पर रखता है।
शासन की ट्रांसफर नीति पर
भारी,वन रक्षक-
शासन के नियम के अनुसार कोई भी शासकीय कर्मचारी एक जगह तीन वर्ष से अधिक नही रह सकता है इसके लिए बकायदा पिछले दिनों वन रक्षक का तबादला भी हुआ है लेकिन यह बात समझ के परे है कि आखिर क्यो आज तक उक्त वन विभाग का लाड़ला कर्मचारी धामोनी वीट से रिलीव नही हुआ है। नीचे से लेकर उपर तक के अधिकारी आखिर क्यों मूकदर्षक बने हुए है।
जहां रहा वनरक्षक वही बना दरोगा –
पिछले दिनों वन विभाग के कुछ वनरक्षक पदोन्नती से वनपाल दरोगा बनाए गए है उसमें भी अनिल दोहरे को वनपाल बनाया गया है पदोन्नती के दोरान सूची में लगभग अधिकांषतः वनरक्षको को यदा कदा पदस्थ किया गया लेकिन दोहरे जहां था वही है। आखिर ऐसा क्या कारण है कि दोहरे को लगभग आठ वर्ष से अधिक होने के बाद बीट से एवं रेंज से हटाया नही गया है।
शिकारियों से सांठ-गांठ की भी चर्चा
धामोनी क्षेत्र में धन खुदाई के साथ साथ अवैध षिकार के लिए दूर दूर से लोग आते है और षिकार करते भी है। षिकारी आते तो है लेकिन पकड़े क्यो नही जाते है यह बात किसी के गले नही उतरती, इससे स्पष्ट होता है कि षिकारियो से वन रक्षक की साठ गांठ है इनकी सह पर ही क्षेत्र में षिकार होता है। यदि सांठ-गांठ न होती तो अन्य जगहो की तरह षिकारियों के पकड़े जाने की खबर प्रकाष में आती ।
इनका कहना है-
धन खोदे जाने एवं जंगल में खुदाई के सम्बंध में सीसीएफ अनिल सिंह से मोबाईल पर पूछा गया तो उनका कहना है कि संबंधित रेंजर को बताओ वही कार्यवाही करेंगे।
अनिल सिंह (सीसीएफ सागर)