अपने आसपास मित्र ,सलाहकार श्रीकृष्ण जैसे बनाये : सुश्री जया किशोरी जी
मालथौन। राष्ट्रीय संत सुश्री जया किशोरी जी ने कहा कि अपने जीवन मे आस पास ,मित्र और सलाहकार श्रीकृष्ण जैसे बनाये।
अपने जीवन मे कृष्ण जैसे मित्र सलाहकार रखें।
हर व्यकिती के भीतर कृष्ण है। हर घर मे ग्रंथ ,गीता है उसका अध्ययन करें।जिस कृष्ण को बाहर ढूढ़ रहे हो वह अपने घर के अंदर है ।सच्चे आनन्द का महसूस करना उनकी लीलाओं से मिल जाएगा।
जिंदगी का दूसरा नाम परेशानी है ,आगे भजन के माध्यम से कहा कि श्याम सुंदर से जिसका सम्बंध है हर घड़ियां हर घड़ी आंनद ही आनन्द हैं इन पंक्तियों पर पंडाल में उपस्थित जन समूह झूम उठा।
जिसको सत्संग पसंद है उसके किए हर घड़ी आंनद ही आनंद हैं।-
मालथौन में आयोजित आध्यात्मिक सत्र ,श्रीकृष्ण के जीवन से सीख धार्मिक कार्यक्रम में शृद्धालुओ से प्रवचनों में कही।
बुधवार को सिद्ध शक्ति पीठ मां महाकाली के दरबार में आध्यात्मिक सत्र, श्रीकृष्ण से जीवन सीख कार्यक्रम में सुश्री जया किशोरी के भजनों पर पंडाल में उपस्थित शृद्धालु गण जमकर झूमे उन्होंने सबसे पहले श्री राधे गोविंदा गोपाल नंदलाला प्यारा भजन से आध्यात्मिक संकीर्तन से शुरुआत की।
श्री कृष्ण को जीवन मे कुछ सुख नहीं मिला पूरे जीवन दुख उठाते रहे। जब श्री कृष्ण का जन्म के पहले उनकी मृत्यु बाहर खड़ी। जेल में जन्म लेते माता पिता से अलग कर दिया। उनके बचपन से दैत्यों फिर कंश से सामने हुआ है उन्होंने बध किया।
आगे सुश्री ने बच्चों के बारे में कहा कि बच्चे सोचते है कि जल्दी बड जाए जब बड़े होते तब कहते इससे अच्छा हमारा बचपन बढ़िया था।
कोई चिंता नहीं कोई काम नहीं था। सुश्री ने युवाओं को अर्जुन और कृष्ण, दुर्योधन और कर्ण की मित्रता के प्रसंग के माध्यम से कहा कि
युवाओं आपके दोस्त अच्छे होने चाहिए जो आपके बुरे काम मे साथ न दे आपको रोके वह आपके साथ खड़े रहे।
अर्जुन और कृष्ण की तरह,दोस्त का मतलब मौज मस्ती नहीं ,अच्छाई बढ़ने में समय लगता है लेकिन बुराई बढ़ने में समय नहीं लगता । अच्छे काम के लिए मां बाप को बोलना पड़ता है अच्छा बनना कठिन है और बुरा बनना आसान हैं जिसके लिए किसी को नहीं बोलना पड़ता।
बुरे लोगो के साथ मेहनत नहीं लगती। भगवान के जीवन की पहली सीख यही हैं। आपके आसपास अर्जुन कृष्ण जैसे सलाहकार दोस्त होना चाहिए।
ये मायने रखता है सलाहकार कौन हैं। महाभारत और गीता से सीख ले। अपने जीवन मे कृष्ण जैसे मित्र सलाहकार रखो।
जिसको सत्संग पसंद है उसके किए हर घड़ी आंनद ही आनंद हैं।सुश्री जया किशोरी जी ने कहा कि पांडव के सलाहकार भगवान कृष्ण थे। कार्यक्रम के पूर्व सुश्री जया किशोरी जी ने महाकाली मंदिर में पहुंच कर दर्शन किए। महाकाली आयोजन समति की ओर से दीपेश राजोरिया ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में शृद्धालु गण उपस्थित रहे।